योगिक

योगिक 
योगिक शब्द का अर्थ है-  योग से बना हुआ ।  
अर्थात दो सार्थक शब्दों से मिलकर बने शब्द को योगिक शब्द कहते हैं। जैसे - विद्यालय  शब्द - विद्या और आलय इन दो शब्दों से मिलकर बना है। योगिक शब्दों का निर्माण चार  प्रकार से होता है -

1. संधि द्वारा - जैसे - पुनर्जन्म ( पुनः + जन्म ), मनोरथ ( मनः +रथ ) , जगदीश ( जगत् + ईश ), परोपकार ( पर+ उपकार ), संधि से बने  ये सभी योगिक शब्द हैं। 

2. समास द्वारा - जैसे - रसोईघर ( रसोई के लिए घर ) { रसोई + घर } से मिलकर बना।  नीलकमल ( नीला कमल ) {नील +कमल } से मिलकर बना। ये योगिक शब्द हैं।  

3. उपसर्ग के प्रयोग से - जैसे - अधिगम [ अधि (उपसर्ग) + गम ( शब्द) ] से मिलकर बना।  

4. प्रत्यय के प्रयोग से - जैसे - सेठ +आनी(प्रत्यय) = सेठानी, राजनीति + इक(प्रत्यय )= राजनैतिक। ये शब्द प्रत्यय के प्रयोग से बने हैं।    

योगिक शब्दों के उदाहरण - 
प्राणप्रिय, महादेव, गोशाला , रेखांकित, भरपेट, प्रतिदिन, पंचवटी, त्रिनेत्र , रवीन्द्र, हिमालय, सदाचार , मनोकामना आदि 
टीप - 
1. संधि, समास, प्रत्यय एवं उपसर्ग के योग से बने सभी शब्द योगिक शब्द  हैं,  किन्तु वे विशेष अर्थ न व्यंजित करते हों।  
2  वे शब्द जो संधि, समास, प्रत्यय एवं उपसर्ग के योग से बने हैं किन्तु किसी विशेष अर्थ के लिए रूढ़ हो चुके है।  योगरूढ़ शब्द कहलाते हैं।  जैसे- जलज { कमल के लिए }, हनुमान { हनुमान जी के लिए}, घनश्याम { कृष्ण जी के लिए } आदि  

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