शुक्रवार, 22 दिसंबर 2017

विलोम शब्द


विलोम शब्द -  वे शब्द जो एक दूसरे के विपरीत या विरोधी अर्थ प्रतिध्वनित करते हैं , विलोम या विरुध्दार्थी या विपरीतार्थी शब्द कहलाते हैं।  जैसे - सत्य - असत्य , सुख- दुःख आदि।  



यहाँ यह स्मरणीय तथ्य है कि संज्ञा शब्द का विलोम 'संज्ञा' शब्द ही होगा कोई अन्य नहीं।  इसी प्रकार क्रिया एवं  विशेषण से सम्बंधित शब्दों के विलोम शब्द भी क्रिया और विशेषण ही होना चाहिए।   
जैसे - अनुशासन   का विलोम  अननुशासन  होगा न की अनुशासनहीन ।  
विलोम शब्द बनाने के तरीके
(i) उपसर्ग जोड़कर - कुछ शब्दों में  अ , आ, दुः , न , ना, गैर, प्र , निर् , वि, पर , परा , अप, अन, अव, नि, कु    आदि उपसर्ग जोड़कर विलोम शब्द बनाए जा सकते हैं।  
जैसे -  सत्य - सत्य / मिथ्या 
स्वीकार - अस्वीकार 
जय - पराजय 
कामयाब - नाकामयाब 
हाजिर - गैरहाजिर 
बल - दुर्बल 
उदार - अनुदार 
पसंद - नापसंद 
कानूनी- गैरकानूनी 
यश- अपयश 
सपूत- कपूत 
सम- विषम
सार्थक- निरर्थक 
सिट- असित 
सुगम- दुर्गम 
स्वीकार- अस्वीकार 
स्वस्थ- अस्वस्थ 
साक्षर- निरक्षर 
विधवा- सधवा 
सदाचार - कदाचार /दुराचार
सामर्थ - असमर्थ
कर्म- अकर्म 
कार्य- अकार्य 
गोचर- अगोचर 
भद्र- अभद्र 
अधिकृत- अनधिकृत 
इष्ट - अनिष्ट 
ईश्वर- अनीश्वर 
उपमेय- अनुपमेय 
मल- निर्मल 
विवाद- निर्विवाद 
आहार- निराहार 
सापेक्ष- निरपेक्ष 
आहूत- अनाहूत 
उदात्त- अनुदात्त 
सगुण- निर्गुण 
उन्मुख- विमुख 
संकल्प- विकल्प 
संपन्न- विपन्न 
उपचार- अपचार / अनुपचार 
कृत्य- अपकृत्य 
घात - प्रतिघात 
आरोह- अवरोह 
आरोहण- अवरोहण 
अवनति- उन्नति 
प्रतिकूल- अनुकूल 
उपकार- अपकार 
यज्ञ- विज्ञ 
अनुरक्त- विरक्त 
गठन- विघटन 
तृष्णा- वितृष्णा 
आग्रह- दुराग्रह 
विरत - निरत 
गमन- आगमन 
सुमति- कुमति 
कपट- निष्कपट 
पक्ष- निष्पक्ष 
सादर- निरादर 
दुर्लभ- सुलभ 
धर्म- अधर्म 
वरिष्ठ- कनिष्ठ 
कपटी - निष्कपट 
न्याय- अन्याय 
नीरस- सरस
रूचि- अरुचि 
संयोग- वियोग 
सुगंध- दुर्गन्ध 
क्षम- अक्षम 
हित - अहित 
ज्ञानी- अज्ञानी 
(ii) शब्द बदलकर- कुछ शब्दों के विलोम शब्द नए शब्द बनाकर बनाए जाते है।  
जैसे- 
अन्दर - बाहर 
आना- जाना 
तिक्त / कटु - मधुर 
अंधकार- प्रकाश 
जीवन- मरण 
सोना- जगाना 
निंदा - स्तुति 
गलत- सही 
सुबह- शाम 
राग- द्वेष 
हानि-लाभ 
हृस्व- दीर्घ
लघु- गुरु
सृष्टि - प्रलय
स्तुति- निंदा
सूक्ष्म - स्थूल  / विराट
स्त्री- पुरुष
स्वर्ग- नरक
हानिप्रद- लाभप्रद
वृध्द- बालक
शीत- ऊष्ण
मधुर- कटु
योग- भोग
पुण्य- पाप
निर्भीक/साहसी- भीरु
धृष्ट - नम्र
महल- झोपडी
मुक्ति- बंधन
अधम- श्रेष्ठ 
महान - तुच्छ 
आकाश- पाताल 
गुण- दोष 
घृणा- प्रेम 
जल- थल / निर्जल 
जड़- चेतन 
जाग्रत- सुषुप्त 
मृत- जीवित 
जोड़- घटाव 
फुटकर- थोक 
स्वामी- दास / सेवक 
कृतज्ञ- कृतघ्न 
कुसुम- वज्र / कंटक 
कोमल- कठोर 
गंभीर - अगंभीर 
जननी- जनक 
अमीर- गरीब 
धृष्ट- नम्र 
सहित- रहित
सर्द- गरम 
संस्कृति- विकृति 
संकलन- व्यकलन 
शीत - ऊष्ण 
सम्मुख- नेपथ्य 
विशेष/ विशिष्ट - सामान्य 
मूक- वाचाल 
मुक्ति- बंधन 
महायोगी- महाभोगी 
भद्र- अभद्र 
पूर्ववर्ती - परवर्ती 
प्रकाश - अंधकार 
प्रत्यक्ष- परोक्ष 
प्रशंसक - निंदक 
नूतन- पुरातन 
नौकर- मालिक 
पण्डित- मूर्ख 
परकीया- स्वकीया 
पराधीन- स्वाधीन 
प्रफुल्ल- म्लान 
प्रतिकूल- अनुकूल 
प्रधान- गौण 
बध्द- मुक्त 
बर्बर- सभ्य 
बाहर- भीतर 
भूत- भविष्य 
भूगोल- खगोल 
भौतिक- आध्यात्मिक 
मानवता - नृशंसता
रक्षक- भक्षक 
राजा- रंक / प्रजा 
विधि- निषेध 
विस्तार- संक्षेप 
विस्तृत- संक्षिप्त 
विष- अमृत 
वीर- कायर 
वैमनस्य- सौमनस्य 
व्यष्टि- समष्टि 
शुष्क- आर्द्र 
श्रोता- वक्ता 
संकीर्ण- उदार 
संदेह- निःसंदेह 
सुशील- दुश्शील 
सृष्टि- प्रलय 
स्वार्थ- परमार्थ 
निंदा- स्तुति 
अन्तरंग - बहिरंग 
अभिशाप- वरदान 
अल्पज्ञ- बहुज्ञ 
अटल-चंचल 
अर्पित- गृहित 
चिरन्तन - नश्वर 
चुस्त- ढीला 
जटिल- सरल 
कृत्रिम- स्वाभाविक 
क्षणिक- शाश्वत 
गृहस्थ- ब्रह्मचर्य 
आगामी- विगत 
निषिध्द- विहित 
बहुमत- अल्पमत 
राग- द्वेष 
लौकिक- पारलौकिक 
सर्जन - ध्वंस 
सत्याग्रह- असत्याग्रह 
समास- विग्रह 
संधि- विच्छेद 
विषाद - हर्ष 
वैभव- दारिद्र्य 
स्थिर- अस्थिर 
स्वर- व्यंजन 
ह्रास- विकास 
(iii)   उपसर्ग बदलकर -  कुछ शब्दों के विलोम शब्द प्रारंभ के  शब्दांश ( उपसर्ग) को बदलकर बनाए जाते हैं। 
जैसे -  
स्वाधीन - पराधीन
संयोग- वियोग 
सुख - दुःख 
आयात - निर्यात 
सुमति- कुमति 
उन्नति- अवनति 
आय- व्यय 
अनुकूल- प्रतिकूल 
आदान- प्रदान 
उपकार- अपकार 
सुगम- दुर्गम 
उन्मीलन - निमीलन 
धर्म -अधर्म 
आकर्षण- विकर्षण 
अनुराग- विराग 
सदाचार- कदाचार 
आदर- निरादर 
आदरणीय- अनादरणीय
साकार- निराकार 
अनुकूल- प्रतिकूल 
अनुराग- विराग 
अभ्यस्त- अनभ्यस्त 
अकाल- सुकाल 
अवकाश- अनवकाश 
असीम- ससीम 
आगत- अनागत 
आमिष- निरामिष 
आहार- अनाहार 
आहूत- अनाहूत 
आस्तिक- नास्तिक 
आहत- अनाहत 
उत्कर्ष- अपकर्ष 
उपमेय- अनुपमेय 
उचित- अनुचित 
मानवीय- अमानवीय 
भिज्ञ- अनभिज्ञ 
श्वास- प्रश्वास 
पराधीन- स्वाधीन 
(iv) प्रत्यय ( अंतिम- शब्दांश ) में परिवर्तन कर -कुछ शब्दों के विलोम शब्द अंतिम  के  शब्दांश ( प्रत्यय) को बदलकर बनाए जाते हैं। 
जैसे - 
कृतज्ञ - कृतघ्न 
चिंतामुक्त - चिंताग्रस्त 
गोचर - गोतीत 
नमकहराम - नमकहलाल 
पदारूढ़ - पदच्युत 
कुलदीपक- कुलकलंक 
कुछ विलोम शब्द जो विगत वर्षों की परीक्षा में सम्मिलित किए गए, निम्नांकित हैं - 
क्रमांक
शब्द
विलोम शब्द
1
विजय
पराजय
2
विनाश
सृजन
3
जल
आग
4
प्रातः
सायं
5
उन्नत
अवनत
6
आदान
प्रदान
7
उर्वर
अनुर्वर
8
प्रवृत्ति
निवृत्ति
9
कृतज्ञ
कृतघ्न
10
संक्षेप
विस्तृत
11
रक्षक
भक्षक
12
सम्मान
अपमान
13
उन्नति
अवनति
14
व्यापक
संक्षिप्त
15
प्राचीन
अर्वाचीन
16
आवश्यक
अनावश्यक
17
ज्ञान
अज्ञान
18
सिंचन
असिंचन
19
तपन
शीतलता
20
भोग
योग
21
गाँव
शहर
22
मधुर
कटु
23
जीवन
मरण
24
सफल
असफल
25
आशा
निराशा
26
पुरानी
नई
27
प्रसिध्द
अप्रसिध्द
28
आकाश
पाताल
29
उदय
अस्त
30
इच्छा
अनिच्छा
31
ईर्ष्या
प्रेम
32
रात
दिन
33
निराशा
आशा
34
अपना
पराया
35
अन्याय
न्याय
36
सुन्दर
कुरूप

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